महाराष्ट्र के प्रसिद्ध मंदिर (Famous Temples in Maharashtra in Hindi): महाराष्ट्र के 8 हिंदू मंदिरों की सूची

महाराष्ट्र भारत का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला और क्षेत्रफल के अनुसार तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। यह भारत का सबसे अमीर और औद्योगीकृत (इंडस्ट्रियल) राज्य है| इस राज्य में विश्व धरोहर स्थलों अजंता और एलोरा के इलावा कई किले भी हैं जो छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन का वर्णन करते हैं। महाराष्ट्र का इतिहास चौथी शताब्दी से मिलता है और तब से यह अलग-अलग  जनजातियों नागा, मुंडा, भिल और अपरंत जैसे कई समुदायों का घर रहा| महाराष्ट्र ने चालुक्य, राष्ट्रकूट, यादव और आखिर में मराठों सहित कई राजवंशों का शासन देखा है। अपने इतिहास के कारण अब यह अपने भव्य स्मारकों और समूहों के लिए मशहूर है। महाराष्ट्र के सबसे प्रसिद्ध मंदिरों की सूची यहां दी गई है:

महाराष्ट्र के मंदिर

1. हरिहरेश्वर मंदिर

यह मंदिर पश्चिमी घाट के ऊंचे पहाड़ों में घिरा हुआ है और अपनी न बदलने वाली सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है| भगवान विष्णु, भगवान शिव, भगवान ब्रह्मा और माँ योगेश्वरी इस मंदिर के मुख्य देवता हैं। मंदिर की पृष्ठभूमि में हरिहर पहाड़ियाँ हैं जिनका दृश्य शानदार है।

मंदिर का समय: 05:00 बजे से 12 बजे और 5:00 बजे से 8:15 बजे

मुख्य देवता: भगवान विष्णु

यात्रा का सबसे अच्छा समय: 10:00 बजे

अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: मंगान

2. मार्लेश्वर मंदिर

महाराष्ट्र के रत्नागरी जिले में बना यह एक गुफा मंदिर है। यह पहाड़ों की सुंदर सहयाद्री रेंज से घिरा हुआ है और भगवान शिव को समर्पित है। कुछ सूत्रों के अनुसार मंदिर भगवान परशुराम द्वारा बनाया गया था और इस मंदिर का शिवलिंग सांपों से घिरा हुआ है लेकिन वे किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाते। धारेश्वर झरना भी पर्यटकों में लोकप्रिय है, यहाँ आने वाले सभी लोगों यहाँ ट्रेकिंग के लिए आते हैं।

  • मंदिर का समय: 07:00 बजे से 7:00 बजे तक
  • मुख्य देवता: भगवान शिव
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: 10:00 बजे
  • अपेक्षित समय: 2 से 3 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: छत्रपति शिवाजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: संगमेश्वर और रत्नागरी

3. हेदवी गणेश मंदिर

यह मंदिर काश्मीर से भेजे हुए सफेद संगमरमर से पेशवा शासनकाल के दौरान बनाया गया था। इस मंदिर की मूर्ति के दस हाथ हैं और यह लगभग 10 फीट लम्बी है| यहाँ से आस-पास के समुद्र तट का नज़र अद्भुत दिखता है और यह कोंकण क्षेत्र का एक लोकप्रिय मंदिर है।

  • मंदिर का समय: सूर्योदय से सूर्यास्त
  • मुख्य देवता: भगवान गणेश
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मई
  • अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: चिपलन

4. वेलेश्वर मंदिर

यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। इस मंदिर में भगवान विष्णु, गणेश और काल भैरव को समर्पित कई मंदिर हैं। पहली बार यह मंदिर गडगिल द्वारा बनाया गया था और बाद में श्री तिंबकरावजी गोखले ने दोबारा इसे बनवाया था। इस इमारत के मुख्य पवित्र स्थान की दीवार पर कई पौराणिक नक्काशी वाले चित्रों हैं|

  • मंदिर का समय: 6:00 बजे से शाम 6:30 बजे तक
  • मुख्य देवता: भगवान शिव और पार्वती
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मई
  • अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: मुंबई हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: चिपलन

5. मोरेश्वर मंदिर

पुणे में बना भगवान गणेश का यह मंदिर सबसे पहला अष्ट विनायक मंदिर है। गणपति संत मोर्यगोस्वी ने इस मंदिर का निर्माण करने में सहायता की। यह मंदिर काले पत्थरों के साथ बनाया गया है और इसके चार दरवाज़े हैं और इसे पेशवों ने संरक्षित किया। इस मंदिर के मुख्य देवता पांच धातुओं को मिलाकर बनी है| यहाँ भगवान गणेश मयूरेश्वर के रूप में हैं| मंदिर के चार मीनार हैं और 50 फीट लम्बी दीवार है जो इसे पवित्र और राजसी बनाती है।

  • मंदिर का समय: 6:00 बजे से 9:00 बजे तक
  • मुख्य देवता: भगवान गणेश
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मई
  • अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: लोहेगांव हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: जेजूरी

6. रंजगांव महागणपति मंदिर

यह मंदिर 9वीं या 10वीं शताब्दी में पेशवों द्वारा बनवाया गया था| माधवराव पेशवा ने भगवान गणेश की मूर्ति रखने के लिए मंदिर के तहखाने में एक कमरा भी बनवाया| बाद में सराद्रकिबे ने दोबारा बनवाया| सूत्रों के अनुसार भगवान शिव ने खुद गणेश से आशीर्वाद मांगा और बाद में त्रिपुरासुर को खत्म कर दिया। इस मंदिर में सूरज की किरणें सीधी मूर्ति पर गिरती हैं क्योंकि सौंदर्य की दृष्टि से भरपूर यह मंदिर पूर्व में है।

  • मंदिर का समय: 6:00 बजे से 9:00 बजे तक
  • मुख्य देवता: भगवान गणेश
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मई
  • अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: पुणे हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: यवत

7. त्रंबकेश्वर मंदिर

नासिक में ब्रह्मगिरी पर्वत की तलहटी और गोदावरी नदी के किनारे बने त्रिनकेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है| 1755-1786 ईस्वी में श्री नाना साहेब पेशवा ने इसे  बनाया था। यह दुनिया में कुछ उन ज्योतिर्लिंगों में से एक है जिसमें भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव तीनों के चेहरे हैं और उनके मुकुट कीमती पत्थरों से बने हैं जो पांडवों से संबंधित हैं|

  • मंदिर का समय: 6:00 बजे से 12:00 बजे और 5:30 बजे से 8:00 बजे तक
  • मुख्य देवता: भगवान शिव
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मई
  • अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: नासिक हवाई अड्डा
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: पदली

8. शिरडी मंदिर

यह महाराष्ट्र के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है और शिरडी के साईं बाबा के मंदिर के नाम से  मशहूर है। यह मंदिर 20वीं शताब्दी में बनाया गया था और सूत्रों के अनुसार शिरडी के साईं बाबा यहां 16 वर्ष की आयु में आए थे और 1918 में अपनी मृत्यु तक यहीं रहे| उन्होंने इस गांव को अपने प्रेम, दयालुता और भक्ति से तीर्थ स्थान में बदल दिया।

  • मंदिर का समय: 4:00 बजे से 12:00 बजे और 4:30 बजे से 11:15 बजे तक
  • मुख्य देवता: शिरडी साईं बाबा
  • यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मई
  • अपेक्षित समय: 1 से 2 घंटे

कैसे पहुंचे:

  • निकटतम हवाई अड्डा: औरंगाबाद हवाई अड्डा
  • निकटवर्ती रेलवे स्टेशन: कोपरगांव

महाराष्ट्र के मंदिरों में जाते समय पैसे कैसे बचाएं

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