Table of Contents
- 1 मैसूर के बारे में
- 2 1. मैसूर पैलेस
- 3 2. जगनमोहन पैलेस
- 4 3. मैसूर-जू
- 5 4. वृन्दावन गार्डन
- 6 5. करंजी झील
- 7 6. बोन्साई गार्डन
- 8 7. शुक वन
- 9 8. सोमनाथपुर मंदिर
- 10 9. चामुंडेश्वरी मंदिर
- 11 10. तालाकाडु (वैद्यनाथेश्वर मंदिर)
- 12 11. त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर
- 13 12. श्रीकांतेश्वर मंदिर
- 14 13. सेंट फिलोमेना चर्च
- 15 14. लोकगीत संग्रहालय
- 16 15. रेल संग्रहालय

मैसूर के बारे में
मैसूर शहर अपनी शाही विरासत और शाही इतिहास के लिए प्रसिद्ध है। यह शहर प्रत्येक यात्री के लिए विकल्प दिखाता है। इस शहर के राजसी महल, कला दीर्घायें, सजावटी मंदिर और बगीचे प्रत्येक वर्ष पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कला एवं सांस्कृतिक केंद्र होने के इलावा मैसूर रेशम की बुनाई, आयुर्वेद, योग प्रयासों तथा चंदन और धूप के उद्योग का भी केंद्र है। मैसूर अपने वार्षिक दशहरा त्यौहार के लिए भी सबसे अधिक जाना जाता है, जिसे यहाँ के निवासी धूमधाम और भव्यता से मनाते हैं|
क्यों जाएँ: विरासत, इतिहास, रेशम की बुनाई और खरीदारी, चन्दन की लकड़ी ख़रीदने
आदर्श: विरासत और संस्कृति अन्वेषण, सिल्क और चन्दन की लकड़ी की खरीदारी, आयुर्वेद और योग
लाने के लिए चीज़ें: सैंडलवुड और जैस्मीन की धूप की छड़ें, मैसूर रेशम साड़ी, मैसूर पाक (एक मीठा व्यंजन)
मैसूर में जाने के लिए जगहें
महल
1. मैसूर पैलेस
‘अम्बा विलास पैलेस’ के रूप में भी जाना जाने वाला मैसूर पैलेस, एक ऐसी ऐतिहासिक इमारत है जो ताजमहल के बाद विदेशियों द्वारा सबसे ज्यादा देखी जाती है। इस महल की विस्मयकारी वास्तुकला हिंदू, राजपूत, मुस्लिम और गोथिक वास्तुशिल्प शैलियों का मेल है। 1824 में इस राजसी महल को वोडेयार राजवंश के 24 वें शासक के लिए बनाया गया था। तब से लेकर अभी भी यह वोडेयार कबीले के शाही परिवार का निवास है। इस महल की प्रमुख विशेषता यहाँ का प्रकाश और ध्वनि शो और दशहरा उत्सव हैं।
खुलने का समय: 10:00 बजे से 5:30 बजे तक
शहर से दूरी: 2 कि.मी
अपेक्षित समय: 2-3 घंटे
आदर्श: इतिहास और विरासत प्रेमी
यात्रा का सबसे अच्छा समय: दशहरा महोत्सव
2. जगनमोहन पैलेस
मैसूर के सात महलों में से एक जगनमोहन पैलेस एक वैकल्पिक निवास के रूप में इस्तेमाल किया गया था जब अम्बा विलास पैलेस आग लगने के बाद नया बनाया जा रहा था। यह महल मैसूर के प्रशासनिक और विधायी इतिहास की कई महत्वपूर्ण घटनाओं से जुड़ा हुआ है। इस महल में मैसूर विश्वविद्यालय का उत्थान हुआ और विधान परिषद का सबसे प्रमुख सत्र भी यहीं हुआ| 1915 के बाद इस महल को आर्ट गैलरी में बदल दिया गया| अब यहाँ विभिन्न युग और राजवंशों के 2000 से अधिक चित्रों मिलते हैं|
खुलने का समय: 10:00 बजे से 5:30 बजे तक
शहर से दूरी: 2 किमी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: इतिहास और विरासत प्रेमी
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
3. मैसूर-जू
1892 में श्री चमाराजेंद्र जूलॉजिकल गार्डन या मैसूर चिड़ियाघर की स्थापना महाराजा चमारजा वोडेयार ने की थी। 157 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ यह चिड़ियाघर मैसूर पैलेस के आसपास ही है| चिड़ियाघर में जंगली जानवरों, सरीसृपों, पक्षियों और प्राइमेट्स की 168 प्रजातियां हैं| चिड़ियाघर में एक हाथी के बच्चे का सी-सेक्शन से जन्म हुआ था जो विश्व भर में अपनी तरह का पहला केस है। भटके हुए जानवरों के लिए भी चिड़ियाघर में एक आश्रय स्थल है| समय-समय पर मैसूर चिड़ियाघर विभिन्न प्रदर्शनियों और शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करता रहता है|
खुलने का समय: 8:30 बजे से 5:30 बजे तक (मंगलवार को बंद)
शहर से दूरी: 3 कि.मी
अपेक्षित समय: 3 घंटे
आदर्श: बच्चे, वन्यजीव उत्साही
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
4. वृन्दावन गार्डन
मैसूर जिले से 21 कि.मी दूर वृन्दावन गार्डन स्थित है जिसे 1832 में मैसूर के दीवान सर मिर्जा इस्माइल ने कावेरी नदी के किनारे बनवाया था। छत के बगीचे और चारों ओर फैले हुए फूलों के बिस्तर में सममित शैलियों का विचलन दिखता है। इन बागों का प्रमुख आकर्षण संगीत के साथ एक फव्वारा शो है। इसके अतिरिक्त आरामदायक अनुभव के लिए कावेरी नदी के पानी में नौकायन किया जा सकता है।
खुलने का समय: गार्डन समय: 6:00 बजे से 8:00 बजे तक | संगीत फव्वारा शो: 6:30 बजे से 7:30 बजे तक (सप्ताहांत) और 6:30 बजे से 8:30 बजे तक (सप्ताहांत)
शहर से दूरी: 3 कि.मी
अपेक्षित समय: 3 घंटे
आदर्श: बच्चों, वन्यजीव प्रेमी
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
5. करंजी झील
फाउंटेन झील के रूप में प्रसिद्ध करणजी झील मैसूर में स्थानीय लोगों का एक लोकप्रिय पिकनिक स्थल है। झील में 147 विभिन्न प्रकार के पक्षी हैं जैसे कि कॉर्मोरेंट, हेरन्स, पेलिकन आदि। इस झील में भारत का सबसे बड़ा पक्षीघर है। झील में झरने होने का भी दावा किया जाता है। इसके तितली पार्क में रंगीन तितलियों की 45 से अधिक प्रजातियां हैं। यहाँ के चिड़ियाघर में एक क्षेत्रीय संग्रहालय भी है जिसमे दक्षिण भारत के प्राकृतिक माहौल के बारे में डेटा रहता है। कभी मैसूर के शाही खानदान द्वारा बनवाया गया यह चिड़ियाघर अब मैसूर चिड़ियाघर प्राधिकरण की संपत्ति है|
खुलने का समय: 8:30 बजे से 5:30 बजे तक (मंगलवार को बंद)
शहर से दूरी: 4 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: मित्रों और परिवार के लिए आदर्श
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: पूरे साल
और पढ़ें: पलक्कड़ |एर्नाकुलम
6. बोन्साई गार्डन
इस अनूठे बगीचे में बोन्साई के पेड़ों की लगभग 100 किस्मे हैं| इस बगीचे को बुद्ध की मूर्तियों और बंदरों से सजाया गया है| यह बगीचा श्री गणपति सचिदानंद आश्रम के अवदुट्टा दत्ता पीठम का ही एक हिस्सा है। विभिन्न वर्गों में बटे हुए इस बगीचे में विभिन्न पेड़ों के लघु रूपों को देखने का मज़ा ही कुछ और है| दिसंबर के महीने में यहाँ बोन्साई सम्मेलनों का आयोजन किया जाता है।
खुलने का समय: गुरुवार से मंगलवार: 9:30 बजे से 1:00 बजे तक, 3:30 बजे से 5:30 बजे तक (बुधवार को बंद)
शहर से दूरी: 2 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: मित्रों और परिवार के लिए आदर्श
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
7. शुक वन
गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज यह 50 मीटर ऊँचा पक्षीघर है जिसमें अधिकतम पक्षियों की प्रजातियों को रखा गया है। इस पक्षीघर में 450 प्रजातियों के 2000 से भी अधिक पक्षी हैं| यह अनूठा पार्क घायल हुए या मरने के लिए छोड़ दिए गये पक्षियों की भी सेवा करता है| इस पार्क को तोता पार्क भी कहते हैं क्योंकि यहाँ तोते की कई दुर्लभ प्रजातियां मिलती हैं|
खुलने का समय: गुरुवार से मंगलवार: 9:30 बजे से 12:30 बजे तक, 3:30 बजे से 5:30 बजे तक (बुधवार को बंद)
शहर से दूरी: 2 कि.मी
अपेक्षित समय: 2-3 घंटे
आदर्श: मित्र और परिवार, बर्ड वॉचर्स
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
यात्रा करने के लिए मंदिर
8. सोमनाथपुर मंदिर
कावेरी नदी के तट पर बसा हुआ सोमनाथपुर एक विचित्र शहर है। इस शहर में शानदार होसाला वास्तुकला को दर्शाने वाला प्रसिद्ध प्रसन्ना चेनेकेसा मंदिर (केसावा मंदिर) है जो भगवान कृष्ण को समर्पित है। यूनिस्को के विश्व धरोहर माने जाने वाले होसाला वास्तुकला शैली के तीन मंदिरों में से यह भी एक है।
खुलने का समय: 9:00 बजे से 5:30 बजे तक
शहर से दूरी: 26 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: धार्मिक लोग, विरासत प्रेमी
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
9. चामुंडेश्वरी मंदिर
चामुंडी पहाड़ियों के ऊपर स्थित, देवी दुर्गा को समर्पित यह मंदिर 18 महा शक्तिपीठों में से एक है। मंदिर में नंदी और राक्षस महिषासुर की मूर्तियां भी हैं। कोई भी इस परिसर में प्लास्टिक का प्रयोग नहीं कर सकता क्योंकि इसे ‘नो प्लास्टिक जोन’ घोषित किया गया है।
खुलने का समय: 7:30 बजे से 2:00 बजे तक, 3:30 बजे से 6:00 बजे तक, 7:30 बजे से 9: 00 बजे तक
शहर से दूरी: 4 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: धार्मिक लोग, विरासत प्रेमी
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
10. तालाकाडु (वैद्यनाथेश्वर मंदिर)
कावेरी नदी के तट पर स्थित तालाकाडू शहर का नाम ‘ताला’ और ‘कडु’ नामक दो प्रमुखों के नाम से लिया गया था| यह शहर भगवान शिव को समर्पित वैद्यनाथेश्वर मंदिर के लिए जाना जाता है| इस शहर में रेत के नीचे कई मंदिर दफन हैं| एक विशेष पूजा ‘पंचलिंग दरशाणा’ के लिए हर 12 साल में यहाँ खुदाई की जाती है। ऐसा भी माना जाता है कि यहाँ ‘पातालेश्वर शिवलिंग’ सुबह, दोपहर और शाम को क्रमश: लाल, काले और सफेद रंग में बदल जाता है।
शहर से दूरी: 44 कि.मी
अपेक्षित समय: 3-4 घंटे
आदर्श: धार्मिक लोग, भगवान शिव भक्त
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
11. त्रिनेश्वरस्वामी मंदिर
मैसूर किले के बाहरी इलाके में स्थित इस मंदिर के मुख्य देवता ‘त्रिनेश्वर’ या तीन आंखों वाले शिव हैं| यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला शैली का एक अद्भुत उदाहरण है|
शहर से दूरी: 2 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: धार्मिक लोग, भगवान शिव भक्त
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
स्थान: नेविगेट करें
12. श्रीकांतेश्वर मंदिर
भगवान शिव का यह मंदिर द्रविड़ वास्तुकला शैली का एक उदाहरण है। यह मंदिर 125 फीट लम्बे गोपुरा और 7 स्वर्ण कलशों के लिए काफी प्रसिद्ध है।
खुलने का समय: 6:00 बजे से 13:00 बजे तक, 4:00 बजे से 8:30 बजे तक
शहर से दूरी: 20 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: धार्मिक लोग, भगवान शिव के भक्त
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
13. सेंट फिलोमेना चर्च
एशिया का दूसरा सबसे लंबा चर्च सेंट फिलोमेना की याद में बनवाया गया था| 1933 में राजा श्री कृष्णराजेंद्र वोडेयार बहादुर चतुर्थ ने नव-गोथिक शैली में इस चर्च को बनवाया| चर्च में उनके अवशेष आज भी संरक्षित हैं।
शहर से दूरी: 3 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: विरासत प्रेमी, ईसाई धर्म अनुयायी
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
संग्रहालय
14. लोकगीत संग्रहालय
मैसूर विश्वविद्यालय में स्थित यह संग्रहालय में इस क्षेत्र की लोक कला का व्यापक और विस्तृत संग्रह है।
खुलने का समय: 8:30 बजे से 6:00 बजे तक
शहर से दूरी: 1 कि.मी
अपेक्षित समय: 2-3 घंटे
आदर्श: लोक कला प्रेमियों के लिए
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
15. रेल संग्रहालय
1979 में भारतीय रेलवे द्वारा बनाया गया मैसूर रेल संग्रहालय रेलवे के यादगार पलों को प्रदर्शित करता है। भारतीय रेलवे की उन्नति की यात्रा से सम्बन्धित फोटोग्राफ सूचना और लोकोमोटिव संग्रह के रूप में सहेज कर रखा गया है। संग्रहालय में सबसे पहला और प्रमुख स्टीम लोकोमोटिव भी है। बैटरी से चलने वाली मिनी टॉय ट्रेन पर्यटकों को संग्रहालय के आसपास ले जाती है।
खुलने का समय: 10:00 बजे से 5:30 बजे तक (सोमवार को बंद)
शहर से दूरी: 2 कि.मी
अपेक्षित समय: 1-2 घंटे
आदर्श: बच्चों के लिए
यात्रा करने का सबसे अच्छा समय: वर्ष भर
मैसूर कैसे पहुंचे
निकटतम हवाई अड्डा
कोयंबटूर हवाई अड्डा (147 कि.मी)
अपनी उड़ानें बुक करके पैसे बचाएं: फ्लाईविदअस, इक्सिगो, पेटीएम
निकटतम रेलवे स्टेशन:
मैसूर रेलवे स्टेशन
निकटतम बस स्टॉप:
मैसूर के आसपास राज्य सरकार बसें भी चलाती है। निजी कंपनी की बसों और टैक्सियों द्वारा यात्रा करना एक और विकल्प है|
बस बुक करके पैसा बचाएं: अभीबस
कहाँ रहें:
विंडफ्लॉवर रिज़ॉर्ट एंड स्पा, मैसूर, ग्रांड मर्क्योर मैसूर – एक एक्कोरहोटलस ब्रांड, साइलेंट शोर्स रिज़ॉर्ट एंड स्पा
होटल बुकिंग पर छूट पायें: हैलो ट्रैवल, आई कैन स्टे, रेडबस होटल
यात्रा के लिए आसपास के स्थान
- जी.आर.एस फैनटेसी पार्क (6 कि.मी)
- मेलुकोट मंदिर (41 कि.मी)
- नानजंगूद (20 कि.मी)
- कृष्णराजगारा बांध (22 कि.मी)
छिपे हुए रत्न
यदि आप कला प्रेमी हैं, तो निश्चित रूप से आपको जयचमारजेन्द्र आर्ट गैलरी जाना चाहिए जो मैसूर की राजसी यादगार को प्रदर्शित करती है।
यदि आपका झुकाव धर्म की और है तो आप वेणुगोपाल स्वामी मंदिर जा सकते हैं जो वृन्दावन गार्डन के पास है।
कैशकारो की सलाह:
- यदि आप मैसूर के बारे में और अधिक जानने के इच्छुक हैं तो आपको रॉयल मैसूर वॉक जाना चाहिए|
- होटल माय लारी, होटल दासप्रकाश और होटल सिद्धार्थ जैसे होटलों में दक्षिण भारतीय व्यंजनों का स्वाद लिया जा सकता है|
- ब्राह्मण सोडा फैक्टरी की मिठाई जरूर चखें|
यात्रा करने के लिए सबसे मजेदार तरीका
कोयंबटूर से मैसूर तक आप कार से यात्रा का एक मजेदार अनुभव कर सकते हैं| आप उपयुक्त गाड़ी लेकर स्थानीय संस्कृति के साथ-साथ स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय भोजन का भी आनंद ले सकते हैं।