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नाइस क्या है?
नाइस एक एंटी-स्टेरॉयड और एंटी-इंफ्लैमेटरी दवा (एनएसएआईडी) है जिसमे मुख्य घटक के रूप में निमुस्लाइड होता है, जो दर्द, बुखार, सूजन और लाली जैसे लक्षणों को कम करता है।
नाइस का उपयोग
नाइस दर्द से छुटकारा पाने, सूजन को कम करने और जोड़ों, मांसपेशियों और टेंडन को प्रभावित करने वाली स्थितियों में होने वाली सूजन को कम करता है:
- संधिशोथ
- पुराने ऑस्टियो आर्थराइटिस
- तीव्र गठिया
- एंकिलोज़िंग स्पोंडिलिटिस (रीढ़ और बड़े जोड़ों को प्रभावित करने वाली गठिया)
- पीठ दर्द
- मोच और तनाव
- नरम ऊतकों की चोटें
- विस्थापन
- हड्डी टूटना
- टेंडोनिटिस
- बर्साइटिस (जोड़ों में स्नेहक तरल पदार्थ से भरे कोशिकाओं की सूजन)
- दांत का दर्द
- मांसपेशियों का दर्द
- मासिक-धर्म में दर्द
ऊपर बताये गये प्रयोजनों के इलावा भी नाइस का उपयोग किया जा सकता है।
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नाइस कैसे काम करता है?
नाइस साइक्लो-ऑक्सीजनस नामक एंजाइम के उत्पादन में बाधा डालकर काम करता है जो प्रोस्टाग्लैंडिन संश्लेषण में सहायक होता है।
शरीर में प्रोस्टाग्लैंडिन का संश्लेषण दर्द, बुखार, सूजन आदि जैसे लक्षणों से जुड़ा होता है। इसलिए प्रोस्टाग्लैंडिन के संश्लेषण को रोककर यह सभी संबंधित लक्षणों (दर्द, सूजन आदि) को राहत देने में मदद करता है।
भारत में नाइस का मूल्य
74 रुपये में 100 मि.ग्रा. टैबलेट
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नाइस कैसे लें
नाइस टैबलेट को दिन में दो या तीन बार या डॉक्टर के निर्देश द्वारा लिया जाता है।
इसे भोजन के साथ लेना चाहिए क्योंकि खाली पेट लेने से इसके गैस्ट्रिक दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
नाइस टैबलेट को पूरी तरह निगलकर लेना चाहिए नाकि तोड़कर, कुचलकर या चबाकर|
दवा को समान रूप से लेने के लिए हमेशा तरल को हिलाकर उपयोग करें|
उपयोगकर्ता को फार्मासिस्ट द्वारा दी गई रोगी सूचना पत्रक को पढ़कर आगे के प्रश्नों को आपके डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछना चाहिए।
नाइस की सामान्य खुराक
नाइस की खुराक चिकित्सक द्वारा निम्न बातों को ध्यान में रखकर तय किया जाता है:
- रोगी के स्वास्थ्य की स्थिति और चिकित्सा की स्थिति
- लक्षणों की गंभीरता
- पहली खुराक लेने पर प्रतिक्रिया
- एलर्जी और दवा की प्रतिक्रियाओं का इतिहास
नाइस से कब बचें?
- एलर्जी – इन दवाओं से एलर्जी होने पर नाइस नहीं लेनी चाहिए| अस्थमा और खुजली जैसी गंभीर एलर्जी होने पर इसे नहीं लिया जा सकता|
- पेप्टिक अल्सर – पेप्टिक अल्सर से पीड़ित मरीजों में नाइस पेट, कोलन और गुदा में गंभीर सूजन और रक्तस्राव का कारण बन सकती है।
- कोरोनरी धमनी और बाईपास सर्जरी के बाद दर्द से राहत के लिए नाइस लेने की मनाही होती है।
- अस्थमा से पीड़ित मरीज
- जिगर के गंभीर रोग से पीड़ित मरीज
- किडनी के गंभीर रोग से पीड़ित मरीज
- 12 साल से कम आयु के बच्चे।
नाइस के साइड इफेक्ट्स
सभी दवाओं के कुछ न कुछ दुष्प्रभाव होते हैं। लेकिन ये दुष्प्रभाव हमेशा संभव नहीं होते| यदि आपको निम्न में से कुछ भी लगता है तो अपने डॉक्टर से सलाह लें-
- जी मिचलाना
- उल्टी
- भूख में कमी
- पेट में दर्द
- पेट फूलना
- कब्ज
- सीने की जलन
- दस्त
- शुष्क मुँह
- त्वचा पर लाल चकत्ते
- रूखी त्वचा
- सरदर्द
- चक्कर आना
एलर्जी प्रतिक्रियाएं
यदि इसके किसी भी सक्रिय घटक से एलर्जी है तो नाइस लेने की सलाह नहीं दी जाती। नाइस से होने वाली एलर्जी प्रतिक्रियाएं निम्न हैं-
- त्वचा पर चकत्ते
- सांस फूलना
- चेहरे या गर्दन की त्वचा का विघटन
- दिल की अनियमित धड़कन
- चेहरे, गर्दन की सूजन
- बेहोशी
अंगों पर प्रभाव
- यह जिगर की घातक बीमारी का कारण हो सकता है। पहले से ही जिगर के रोगों वाले मरीजों को सावधानी से और डॉक्टर की देखरेख में इस दवा का उपयोग करना चाहिए।
- नाइस पेट में अल्सर का कारण बन सकता है जो पेट या आंत से गंभीर रक्तस्राव का कारण बनता है।
दवा इंटरेक्शन के बारे में सावधानी
बड़ी संख्या में दवाएं एक दूसरे पर प्रभाव डालते हुए देखा गया है| इसलिए रोगी को अपने चिकित्सक को अपने द्वारा प्रयोग की जाने वाली सभी दवाओं, काउंटर उत्पादों और विटामिन की खुराक के बारे में सूचित करना चाहिए। डॉक्टर की मंजूरी के बिना दवा की खुराक में कोई बदलाव न करें। सभी इंटरैक्शन वाली दवाओं को यहां सूचीबद्ध नहीं किया जा सकता लेकिन नाइस के साथ प्रभाव डालने वाली कुछ सामान्य दवाओं में निम्न हैं:
- एंटी-कंसलेंट्स (जैसे वाल्प्रोइक एसिड)
- एंटी-फंगल्स (जैसे केटोकोनाज़ोल)
- एंटी-ट्यूबरकुलस ड्रग्स (जैसे इस्नोज़िज़िड)
- टैक्रिन,
- पेमोलिन,
- ऐमियोडैरोन,
- मथोट्रेक्सेट,
- मिथाइलडोपा,
- ऍमओक्सीसिलिन / क्लावुलानिक एसिड
- फ्यूरोसिमाइड
- एस्प्रिन
- वारफरिन
- फ़िनाइटोइन
- फेनोफाइबरेट
- सलिसीक्लिक एसिड
- टोलबूटामिड
- लिथियम
- प्रोबेनेसिड
- साइक्लोस्पोरिन
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प्रभाव और परिणाम
रोगी की खुराक और उम्र और समस्या की गंभीरता पर ही इसका प्रभाव निर्भर करता है।
नाइस लेने 30 मिनट बाद ही अपना पूरा प्रभाव दिखाता है और धीरे-धीरे दर्द से राहत दिलाता है।
सामान्य प्रश्न
क्या नाइस नशे की लत है?
इस दवा से कोई आदत बनने की सूचना नहीं है।
क्या शराब के साथ नाइस ले सकते हैं?
नाइस का उपयोग करते समय शराब का दैनिक उपयोग पेट के रक्तस्राव और जिगर की विषाक्तता का कारण बन सकता है। नाइस लेने के दौरान शराब लेने से बचें।
क्या किसी भी विशेष खाद्य पदार्थ से बचना चाहिए?
किसी भी खाद्य उत्पाद से इसका कोई प्रभाव नहीं है।
क्या गर्भवती होने पर नाइस ले सकते हैं?
यदि आप गर्भवती हैं या गर्भवती होने की योजना बना रही हैं तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें| गर्भावस्था के दौरान नाइस लेने से बचें| गर्भावस्था के दौरान इसके उपयोग की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि यह भ्रूण को हस्तक्षेप या नुकसान पहुंचा सकती है।
क्या बच्चे को स्तनपान कराने के दौरान नाइस ले सकते हैं?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नाइस लेने की सिफारिश नहीं की जाती|
क्या नाइस लेने के बाद ड्राइव कर सकते हैं?
नाइस टैबलेट से कुछ रोगियों में चक्कर आना, सिरदर्द, उनींदापन, और हल्का सिरदर्द जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं| ऐसे मरीजों को भारी मशीनरी और वाहन चलाने से बचना चाहिए।
यदि नाइस अधिक मात्रा में लें तो क्या होगा?
तय की गयी खुराक से ज्यादा लेना हानिकारक हो सकता है और साइड इफेक्ट्स बढ़ सकता है। इसके लक्षणों में निम्न हैं:
- जी मिचलाना
- उल्टी
- पेट की असुविधा
- तंद्रा
- सुस्ती
अधिक दवा लेने के मामले में तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
यदि एक्सपायरी हो चुकी नाइस लें तो क्या होगा?
एक्सपायरी दवा लेने से हमेशा बचें और यदि गलती से इसे लिया है तो तुरंत डॉक्टर को इसकी सूचना दें|
यदि नाइस की खुराक लेनी याद ना रहे तो क्या होगा?
यदि खुराक लेनी याद ना रहे तो नाइस अच्छी तरह से काम नहीं करेगी क्योंकि दवा के प्रभावी रूप से काम करने के लिए शरीर में हर समय दवा की एक निश्चित मात्रा मौजूद होनी जरूरी है| इसलिए जैसे ही याद आये तुरंत भूली हुई खुराक ले लें| लेकिन यदि उसके बाद दूसरी खुराक लेने का समय हो गया हो तो दुगुनी खुराक न लें।
भंडारण
- इसे कमरे के तापमान पर प्रकाश और नमी से दूर रखें।
- इसे फ्रिज में ना रखें|
टिप्स
- लम्बे समय तक इसे लेने से दिल की बीमारी से ग्रस्त मरीजों में नाइस और अन्य एनएसएआईडी दवाएं दिल के दौरे को बढ़ा सकती हैं।
पहले से मौजूद पेप्टिक अल्सर वाले मरीजों में नाइस का सावधानी से उपयोग करना चाहिए क्योंकि इससे पेट या आंत में रक्तस्राव हो सकता है।